Bhagwan Narsingh : 250 वर्ष से अधिक पुराना भगवान नरसिंह का ये मंदिर आज भी श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र
Bhagwan Narsingh : धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नरसिंह भगवान विष्णु जी के ही 12 वे अवतारों में से छठे अवतार है भगवान नरसिंह जी शक्ति एवं पराक्रम के देवता है भगवान नरसिंह अत्याचार करने वालों को कठोर दंड भी देते हैं
भक्त पहलाद की रक्षा के लिए लिया था अवतार
धर्म ग्रंथ के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान नारायण ने नरसिंह (Bhagwan Narsingh) रूप में अवतार लिया भगवान नारायण ने अवतार अपने भक्त पहलाद की रक्षा करने के लिए लिया था उन्होंने आधा शरीर मनुष्य और आधा शरीर शेर के रूप में धारण करके दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप का वध किया और इसी दिन को याद करके आज भी नरसिंह जयंती मनाई जाती है
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आज भी नृसिंह भ्रमण की प्रथा
चारदीवारी के कई मंदिरों में नरसिंह जयंती का आयोजन बढे उमंग के साथ मनाया जाता है जिसमे हर साल पुरोहित पाड़ा ब्रह्मपुरी स्तिथ अति प्राचीन नृसिंह मंदिर में नृसिंह लीला का आयोजन किया गया जहा भगवान नृसिंह जी का प्रात: पंचामृत अभिषेक किया गया और स्व. पुजारी राधेश्याम शर्मा के परिवार द्वारा पोशाक और चांदी का छत्र अर्पण किया गया
250 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है ये मंदिर
पुजारी रामअवतार शर्मा व पुजारी अनिल शर्मा ने बताया कि मंदिर करीब 250 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है जिसमे
स्व. राधेश्याम शर्मा की तीसरी पीढ़ी पुत्र व पौत्र उनका कार्यभार व भगवान (Bhagwan Narsingh) के सेवा संभाले हुए है | नृसिंह लीला का भव्य आयोजन शाम 6:30 बजे से शुरू हुआ जिसमें भव्य झांकी व प्रभु का नगर भ्रमण हुआ | आरती व भोग की झांकी वे आतिशबाजी युवा पुजारी अंशुल व सौम्य के सानिध्य मे हुआ | जिसमें प्रसादी वितरण भी किया गया…इस भव्य आयोजन में कैबिनेट मंत्री महेश जोशी भी मोजूद रहे
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