HomeमनोरंजनBaglamukhi Chalisa & Aarti Lyrics in Hindi | बगलामुखी चालीसा और आरती...

Baglamukhi Chalisa & Aarti Lyrics in Hindi | बगलामुखी चालीसा और आरती के लिरिक्स हिंदी में

Baglamukhi Chalisa & Aarti Lyrics in Hindi | बगलामुखी चालीसा और आरती के लिरिक्स हिंदी में

Baglamukhi Chalisa & Aarti Lyrics in Hindi : बगलामुखी चालीसा और आरती भगवान बगलामुखी की पूजा और आराधना का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यह चालीसा और आरती उनकी कृपा और आशीर्वाद का प्रकटीकरण करती हैं और उनकी कृपा से अपार शक्ति प्राप्त की जा सकती हैं। इसलिए, यहां हम आपके लिए बगलामुखी चालीसा और आरती के लिरिक्स हिंदी में प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसका उपयोग आप अपनी पूजा और अनुष्ठान में कर सकते हैं।

यह भी देखो : Maa Lakshmi : बदलो अपनी ये आदत (Habit) वरना कभी नही आयगी घर मां लक्ष्मी 

बगलामुखी चालीसा

बगलामुखी चालीसा हिंदी में यहां उपलब्ध है:

॥दोहा॥
बगलामुखी सर्वजन वाशंकरी। मातू भगवती जग वंदित करी॥

॥चालीसा॥
जय बगलामुखी माता। मेरे भक्त जन बांचित सुखदाता॥

॥दोहा॥
कारपूर गौरा में तब जग मांगी। ज्वाला के समान ज्ञान निधान की॥

अग्नि स्वरूप ज्वाला प्रकाशित। त्रिकोण चक्र में विजय विख्यातित॥

चतुर्भुज स्वरूप विनाशकारी। सुमिरत हुई चरण ध्यान पुकारी॥

गदा पास मातु जगजननी। छोड़ि चांद शास्त्र बनि कननी॥

पीला वस्त्र शोभित कर माला। अट्टहास स्वरूप देखि सुरनारी॥

वरदान देत जगमातु शोकहारी। जगत निद्रा विनाशकारी॥

तन्त्र मंत्र विद्या अनुष्ठान की। भक्ति मार्ग प्रवर्तित की॥

मंत्र मुख स्वरूप धरी ब्रह्माणी। निगमगम्य निखिल श्रुति वाणी॥

बाण पास धनु विख्यात नारी। सौरमंडल में प्रभाकारी॥

कुंडल मुद्रित त्रिनयन विशाला। करत सज्जन हृदय निहाला॥

सुख शान्ति प्रद मातु बागलामुखी। तुम विनय करो जन की॥

कोई नाहिं कोटि विचारी। भवन बाधा निवारी॥

चौसठ योगिनी मंडल में विराजे। सदा अनुकंपा से प्रजा संताजे॥

दुख शोक नाशिनी जग विधात्री। मातरमयी जगत उद्धारी॥

सदा अनुकंपा से सकल संकटों को। निजभक्त जन के तुम ही पार करो॥

॥दोहा॥
दुःख दरिद्र व्याधि भय हरनी। जय जय जय जगदम्ब मातु भवानी॥

बगलामुखी आरती

बगलामुखी आरती हिंदी में यहां उपलब्ध है:

॥आरती॥
जय बगलामुखी माता। जय बगलामुखी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते। वेद अंते ना पाता॥

श्री कृष्ण के पूर्वजों ने। जिसका किया अनुस्मारण॥

तप योग पुजा जप। जिनका किया संकीर्तन॥

भव-विमोह का नाश करती। मुखमण्डल पर धरती॥

जब जब कर जपती हो। तब तब मुख उजवल होता॥

काम-क्रोध नाश करती। शरण गहे कीन्ह सरब जगत॥

सभी रोग नाश करती। अनुरागी को दृढ़ धरती॥

दैत्य दानव त्रास हरती। मां बगलामुखी अरती॥

॥दोहा॥
पवन ताट जलत जब है। तब श्रीराम आए॥

अरती में जो जोगी आए। सो नाम जाप लाए॥

यह भी देखो : यह 5 पौधे सावन में दिलाएंगे मनचाहा वरदान ,जिनमें भगवान शिव करते है वास

हमारे इस वेबसाइट में आपको सभी तरह की जानकारी मिलेगी अगर आपको हमारी ख़बरे पसंद अति है तो हमारे आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा लोगों को भेजे और इसे फ़ॉलो करे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments