Maa Saraswati Chalisa in hindi | श्री सरस्वती चालीसा आसान भाषा में
Maa Saraswati Chalisa in hindi : सरस्वती चालीसा हिंदी में देवी सरस्वती की पूजा और भक्ति में गाई जाने वाली एक प्रसिद्ध आराधना गान है। यह चालीसा सरस्वती माता के गुणों, महिमा और महत्व का वर्णन करती है। सरस्वती चालीसा का पाठ अक्सर सरस्वती पूजा के समय किया जाता है और यह चालीसा भक्तों को ध्यान, शांति और ज्ञान की प्राप्ति में सहायक होती है।
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Maa Saraswati Chalisa : सरस्वती चालीसा का एक उदाहरण निम्नलिखित है:
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती। सदा सुखदायनी, दुख हरिणी, विध्या की दातारिणी॥
बुद्धि प्रदायिनी माता, तुम ही प्रगति विद्या धाम। हरि अर्धांगिनी सुखदायिनी, सुमिरत सुबुद्धि धाम॥
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती। विद्या विनोद दायनी, जन्म जन्म की कल्यानी॥
विद्या रूप में जग को जागरण करती, निज धाम निर्माण करती। सुख समृद्धि की प्राप्ति के द्वार खोलती, देवी विद्या विहानी॥
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती। सुर नर मुनि जन आते, जीवन सरल कर जाते॥
बुद्धि विवेक प्रदायिनी, ज्ञान भक्ति प्रचारिणी। स्तुति अधार दातारिणी, जन निज धाम पहुँच जाते॥
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती। सदा भक्तन के ध्यान में, विघ्न हरिणी निरंतर नतमस्तक हैं॥
विद्या बुद्धि प्रदायिनी, माता ज्ञान प्रकाशिनी। मोह, अहंकार विनाशिनी, सत्य साधु चित्त लाती॥
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती। नमो नमो जय नमो, सदा सुखदाता मैया नमो॥
यह चालीसा सरस्वती माता को समर्पित है और उनकी कृपा, आशीर्वाद और मार्गदर्शन की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती है।
सरस्वती माता की आरती है | Maa Saraswati Ki Aarti
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती।
जय विद्या दायिनी, ज्ञान प्रदायिनी॥
ब्रह्मा, विष्णु, महेश की त्रिनेत्रा रूप जगमाता,
सुख समृद्धि दाता, विद्या दायिनी माता॥
चन्द्रमा नियारू, सोन सांगोली,
माटी को गोधूली, धूपदीप झलोली॥
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती।
जय विद्या दायिनी, ज्ञान प्रदायिनी॥
माँ सरस्वती की आरती जो कोई नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी, सुख समृद्धि पावे॥
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती।
जय विद्या दायिनी, ज्ञान प्रदायिनी॥
आरती माता की, जो कोई नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी, सुख समृद्धि पावे॥
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती।
जय विद्या दायिनी, ज्ञान प्रदायिनी॥
तू ही दाता दुःख हरणी, सुख समृद्धि की आस,
जयतु जयतु माँ सरस्वती, नित्य सुखदाता जगदम्बा की आरती॥
ज्ञान की देवी तू, बुद्धि प्रदायिनी माँ,
हम सबके दुःख निवारिणी, जग के सुखदाता जगदम्बा की आरती॥
शरण आये हम तेरी, करें नित्य तुझे प्रणाम,
सब सुखों की दाता, जग की सुखदाता जगदम्बा की आरती॥
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती।
जय विद्या दायिनी, ज्ञान प्रदायिनी॥
आरती माता की, जो कोई नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी, सुख समृद्धि पावे॥
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती।
जय विद्या दायिनी, ज्ञान प्रदायिनी॥
आरती माता की, जो कोई नर गावे,
कहत शिवानंद स्वामी, सुख समृद्धि पावे॥
जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती।
जय विद्या दायिनी, ज्ञान प्रदायिनी॥
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