PMGKAY : जल्द बंद हो सकती है फ्री राशन योजना , वित्त मंत्रालय ने दी बड़ी चेतवानी
Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana : वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की ओर से सरकार को पत्र भेजकर चेतावनी दी गई है कि अगर केंद्र सरकार सितंबर के बाद भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) को जारी रखती है या किसी टैक्स में कटौती करती है तो उसे केंद्र की वित्तीय सेहत पर पड़ेगा असर
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana) (PMGKAY)की शुरुआत केंद्र सरकार ने 2020 में कोरोना के कारण पहले लॉकडाउन के समय की थी, जिसके बाद से सरकार इस योजना को लगातार आगे बढ़ा रही है. मार्च 2022 में इसे सितंबर तक बढ़ा दिया गया है।
योजना को 6 महीने बढाने पर सरकार को होगा नुकसान
जानकारी के अनुसार केंद्र ने चालू वित्त वर्ष में खाद्य सब्सिडी के लिए 2.07 ट्रिलियन रुपये आवंटित किए हैं, जबकि सितंबर तक पीएमजीकेएवाई (PMGKAY) का विस्तार सब्सिडी बिल को लगभग 2.87 लाख करोड़ रुपये तक ला सकता है।
वहीं, अगर सरकार इस योजना को अगले 6 महीने के लिए बढ़ा देती है तो खाद्य सब्सिडी पर 80000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा, जिससे वित्तीय वर्ष 22 में खाद्य सब्सिडी का बिल 3.7 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा- 23.
टैक्स कटौती भी पड़ेगी भारी
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने सरकार को आंतरिक नोट में कहा है कि अधिक कर कटौती या खाद्य सब्सिडी में और विस्तार से राजकोषीय घाटे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। विभाग द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया था कि पीएमजीकेएवाई (PMGKAY)का विस्तार वित्तीय आधार पर उचित नहीं है।
विभाग के पत्र में आगे कहा गया है कि हाल ही में मुफ्त राशन की तारीख बढ़ाने, सब्सिडी वाले उर्वरक, एलपीजी पर सब्सिडी फिर से शुरू करने, पेट्रोल डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने और खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम करने के निर्णयों के कारण। सरकार की वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
सरकार की आय में होरही कमी
Free Ration Scheme को लेकर नोट में कहा गया है कि पिछले महीने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी से सरकार की आय में 1 लाख करोड़ रुपये की कमी आएगी. आपको बता दें, महंगाई से लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये उत्पाद शुल्क घटाया गया था. वहीं, केंद्र द्वारा एक साल में अधिकतम 12 सिलेंडर पर एलपीजी सिलेंडर पर 200 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी की घोषणा की गई थी।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार का अनुमान है कि इस बार राजकोषीय घाटा कुल जीडीपी का 6.4 प्रतिशत हो सकता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच का कहना है कि अधिक सब्सिडी और करों में कमी के कारण यह 6.8 प्रतिशत तक भी पहुंच सकता है।