Sawan Shiv Puja 2023 : जानिए शिवलिंग पर कौन सी चीजें चढ़ाने से बचना चाहिए!
Sawan Shiv Puja 2023 : सावन का महिना भगवान शिव को समर्पित भक्त बड़ी ही भक्ति के साथ भोले नाथ को सावन के महीने में बिल पत्र चढाते है क्या आपको पता है एसी कौनसी चीज़ है जो भगवान शिव को चढ़ाना वर्जित है और अगर आप इसको चढ़ाते है तो आपको उसका कोई फल भी नही मिलता है अगर आप नहीं जानते है तो आज का हमारा ये लेख सिर्फ आपके लिए है
Sawan Shiv Puja : पर शंख से जल चढ़ाना भी वर्जित है। आइए जानते हैं इसके पीछे का धार्मिक कारण आखिर है क्या और ये क्यों नही चढ़ाने चाहिए
आप शिवलिंग पर कुमकुम क्यों नहीं चढ़ाते?
भगवान शंकर की पूजा के दौरान शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा, फलदार वृक्ष आदि सामग्री चढ़ाई जाती है। लेकिन कभी भी कुमकुम नहीं चढ़ाया जाता. दरअसल, हिंदू धर्म में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए कुमकुम का पौधा लगाती हैं, वहीं भगवान शिव का एक रूप विनाशक भी माना जाता है। कुमकुम की विनाशकारी प्रकृति के कारण इसे शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित माना गया है।
शिवलिंग पर हल्दी क्यों नहीं चढ़ाते?
हिंदू धर्म में हल्दी को बहुत शुद्ध और पवित्र माना जाता है। इसके बावजूद भी इसका प्रयोग शिव पूजा में नहीं किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है और हल्दी का संबंध स्त्री तत्व से है। यही कारण है कि भोलेनाथ को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती।
शिवलिंग पर तुलसी क्यों नहीं चढ़ाते?
तुलसी अपने पूर्व जन्म में राक्षस कुल में पैदा हुइ थी । उसका नाम वृंदा था और वह भगवान विष्णु की बहुत बड़ी भक्त थी। वृंदा का विवाह राक्षस राजा जलंधर से हुआ था। जलंधर को अपनी पत्नी की भक्ति और विष्णु कवच के कारण अमरता का वरदान प्राप्त था।
एक बार जब जलंधर देवताओं से युद्ध कर रहा था, तब वृंदा पूजा में बैठी और अपने पति की जीत के लिए अनुष्ठान करने लगी। भक्ति के प्रभाव से जलंधर हार नहीं रहा था। तब भगवान शिव ने उसका वध कर दिया।
अपने पति की मृत्यु से वृंदा बहुत दुखी हुई और क्रोध में आकर उसने महादेव को श्राप दिया कि वह कभी भी उनकी पूजा में तुलसी के पत्तों का उपयोग नहीं करेगी। Sawan Shiv Puja
शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाया जाता।
शिवलिंग पर कभी भी शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। प्रत्येक देवी-देवता की पूजा में शंख का प्रयोग किया जाता है। लेकिन महादेव की पूजा में इसका प्रयोग कभी नहीं किया जाता. शिव पुराण के अनुसार शंखचूड़ एक शक्तिशाली राक्षस था, जिसका वध स्वयं भगवान शिव ने किया था। इसलिए महाशिवरात्रि पर कभी भी शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाया जाता।
यह भी देखो : यह 5 पौधे सावन में दिलाएंगे मनचाहा वरदान ,जिनमें भगवान शिव करते है वास
हमारे इस वेबसाइट में आपको सभी तरह की जानकारी मिलेगी अगर आपको हमारी ख़बरे पसंद आती है तो हमारे आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा लोगों को भेजे और इसे फ़ॉलो करे…सरकार की सरकारी योजना जानने के लिए आप हमारी वेबसाइड पर सभी सरकारी योजना देख सकत है