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Sawan Somvar Vrat Katha in hindi 2023 : श्रावण सोमवार व्रत की रोचक कथा , महत्व व लाभ के साथ जाने सम्पूर्ण जानकरी

Sawan Somvar Vrat Katha in hindi 2023: श्रावण सोमवार व्रत की रोचक कथा , महत्व व लाभ के साथ जाने सम्पूर्ण जानकरी

Sawan Somvar Vrat Katha in hindi 2023 :  श्रावण मास के सोमवार के व्रत को लोग बड़े धार्मिक उत्साह के साथ मनाते हैं। यह व्रत शिवभक्ति के अद्भुत प्रतीक माना जाता है और हिंदू धर्म में गहरी प्रासंगिकता रखता है। इस व्रत का महत्वपूर्ण अंग है श्रावण सोमवार व्रत की कथा जो इस व्रत की परंपरा को महत्त्वपूर्णता देती है। यह कथा अत्यंत रोचक होती है और लोगों को इस व्रत के पीछे छिपे धार्मिक महत्त्व को समझने में मदद करती है।

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Sawan Somvar Vrat Katha kya hai 

श्रावण सोमवार व्रत की रोचक कथा | Story of Shravan Monday 

एक समय की बात है, एक गरीब आदमी बहुत ही निष्ठावान शिव भक्त था। उसने हमेशा सोमवार को शिव मंदिर (Lord Shiva) में जाकर व्रत रखा करता था। उसके पास बहुत कम धन था, लेकिन उसने शिव की पूजा और व्रत में बहुत माहात्म्य माना। एक बार उसने सोमवार का व्रत रखने के बाद देखा कि उसके घर में सभी कुपोषित हो रहे हैं और कोई भोजन नहीं है।

गरीब आदमी बहुत ही चिंतित हो गया और उसने सोचा कि क्या करें। उसने अपनी पत्नी से कहा, “मुझे बहुत भूख लग रही है, क्या हम कहीं भिक्षा मांग सकते हैं?” पत्नी ने उसे बताया, “मैंने अभी कुछ बचा हुआ अन्न ढंग से संग्रह किया है, मुझे अपनी अंगूठी बेचनी चाहिए थी, लेकिन मैंने उसे नहीं बेचा, क्योंकि मैं तुम्हारे प्रति वफादार हूँ।” उसने अपनी अंगूठी को बेचा और गरीबों को भिखारी की तरह खाना खिलाया।

इसके बाद जब उसने वापस शिव मंदिर जाकर पूजा की, तो वहां से एक धनवान व्यक्ति गुजर रहा था और उसने उस गरीब आदमी को एक सोने की अंगूठी दी। इस रूप में, उस गरीब आदमी की भावनाओं और समर्पण की महिमा को देखते हुए शिव भगवान ने उसे अपनी कृपा से आशीर्वाद दिया और उसे समृद्धि प्रदान की।

इस कथा से हमें यह सीख मिलती है कि श्रावण सोमवार व्रत का महत्त्व और शिव की कृपा वास्तव में उस व्यक्ति की भावनाओं और समर्पण के आधार पर होती है। यह व्रत हमें दूसरों की मदद करने, धार्मिकता और सेवा की भावना में संगठित करता है।

श्रावण सोमवार व्रत का महत्व | Shravan Somvar Vrat mehatv 

एक समय की बात है, एक राजा अपने राज्य में बहुत ही उदार और धार्मिक था। उसके द्वारा अनुकरणीय राजनीति और न्यायिक निर्णयों के कारण उसे लोगों का प्यार और सम्मान प्राप्त था। एक दिन उसे एक सप्ताह में देवी पार्वती की पूजा करने की आवश्यकता का आदेश मिला। राजा ने तत्परता से अपनी पूजा की और श्रावण सोमवार को उसे व्रत करने का मन बना लिया। उसने पूरे हफ्ते व्रत रखा और नियमित रूप से देवी पार्वती की पूजा की। उसकी पूजा और व्रत में उसने अपना पूरा मन लगाया और श्रद्धा से पूजा की। श्रावण सोमवार व्रत के पश्चात राजा को देवी पार्वती का आशीर्वाद मिला और उसके राज्य में सुख और समृद्धि का वातावरण बना। राजा और उसके प्रजा सभी सुखों का आनंद उठा रहे थे।

इस कथा से हमें यह समझ मिलता है कि श्रावण सोमवार व्रत व्यक्ति को धार्मिकता, ईश्वर के प्रति विश्वास और समर्पण की भावना विकसित करने में सहायता करता है। इस व्रत के द्वारा हम अपनी आध्यात्मिकता को संवारते हैं और धार्मिक मान्यताओं का पालन करते हुए आत्म-विश्वास और नई ऊर्जा प्राप्त करते हैं।

श्रावण सोमवार व्रत के लिए अहम् सामग्री | Important ingredients for Shravan Monday fast

श्रावण सोमवार व्रत में कुछ विशेष सामग्री का उपयोग किया जाता है। यहां व्रत के लिए अहम् सामग्री की सूची है:

  • शिवलिंग: श्रावण सोमवार व्रत में शिवलिंग की पूजा की जाती है। शिवलिंग पूजन के लिए जल, दूध, धूप, दीप, फूल, बेल पत्र, बिल्व पत्र, अक्षत, गंध और नैवेद्य आदि का उपयोग किया जाता है। शिवलिंग की पूजा के दौरान मन्त्रों का जाप किया जाता है और भक्त शिव के गुणों की महिमा का गान करते हैं।
  • गंगाजल: श्रावण सोमवार व्रत में गंगाजल का उपयोग किया जाता है। शिव की पूजा के दौरान गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराया जाता है और इसे चढ़ाया जाता है। गंगाजल को पवित्र माना जाता है और इसका सेवन आत्मिक शुद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
  • फल: श्रावण सोमवार व्रत में फल का भोजन करना विशेष महत्त्व रखता है। विभिन्न प्रकार के फलों को व्रत के दौरान चढ़ाया जाता है और यह भोजन का हिस्सा बनते हैं। फलों में सेव, केला, सेब, अंगूर, आम, संतरा, नारियल आदि शामिल हो सकते हैं। फलों का सेवन व्रत की पूर्णता और आरोग्यवर्धक गुणों को प्रतिष्ठित करता है।
  • धूप और दीप: शिवलिंग की पूजा के दौरान धूप और दीप जलाए जाते हैं। धूप का उपयोग पूजा के दौरान आरती करने के लिए किया जाता है और दीप शिव के प्रतीक के रूप में प्रयोग होता है। यह रोशनी और सुरज की प्रतीक है जो जीवन की आवश्यकताओं को प्रदान करता है।

यहां तक कि यदि आप किसी भी खास वस्त्र के आधार पर व्रत करना चाहते हैं, तो आप श्रावण सोमवार व्रत के दौरान नीले रंग की पहनावा सूट पहन सकते हैं। नीला रंग भगवान शिव का प्रतीक है और इसका पहनावा करने से आप अपनी श्रावण सोमवार व्रत की आदत में और भी मजबूती ला सकते हैं

श्रावण सोमवार व्रत के लाभ | Benefits of Shravan Somvar Vrat

श्रावण सोमवार व्रत का पालन करने के बहुत सारे लाभ हैं। इस व्रत को धार्मिक, मानसिक और शारीरिक लाभ प्रदान करने के लिए माना जाता है। यहां कुछ मुख्य लाभ हैं:

1. मानसिक शांति
श्रावण सोमवार व्रत का पालन करने से मानसिक शांति मिलती है। यह व्रत शिव भगवान की उपासना और स्मरण के माध्यम से चित्त को शुद्ध करने में मदद करता है। यह मन को शांत, स्थिर और ध्यानमग्न बनाता है और नए और सकारात्मक विचारों को प्रोत्साहित करता है।

2. शारीरिक ताकत और स्वास्थ्य
श्रावण सोमवार व्रत का पालन करने से शारीरिक ताकत और स्वास्थ्य में सुधार होता है। इस व्रत में अन्न की विशेष प्राथमिकता होती है, जिससे सेहतमंद और पोषण संपन्न आहार लेने का ध्यान रखा जाता है। यह व्रत शरीर को नवीनीकरण और शक्ति प्रदान करता है और अनेक रोगों को दूर करने में मदद करता है।

3. परिवारिक खुशहाली
श्रावण सोमवार व्रत का पालन करने से परिवार में खुशहाली और सौभाग्य आता है। इस व्रत के द्वारा लोग अपने परिवार के लिए शिव की कृपा और आशीर्वाद का आवाहन करते हैं। इसके फलस्वरूप परिवार के सदस्य आपसी प्रेम और सम्बंधों में सुखी और समृद्ध बनते हैं।

4. कर्मयोग और सेवा का भाव
श्रावण सोमवार व्रत का पालन करने से कर्मयोग का भाव और सेवा की भावना विकसित होती है। यह व्रत व्यक्ति को अपने सामाजिक और सामरिक कर्तव्यों के प्रति सक्रिय बनाता है और उसे अपने समुदाय में सहयोग करने के लिए प्रेरित करता है। इस व्रत में धर्मसेवा, दान, सद्भावना और समाजसेवा का महत्त्व मान्या जाता है।

5. अध्ययन और ज्ञान की वृद्धि
श्रावण सोमवार व्रत का पालन करने से अध्ययन करने और ज्ञान की वृद्धि करने में सहायता मिलती है। यह व्रत व्यक्ति को शिव के गुणों, उपदेशों और महत्त्वपूर्ण धार्मिक प्रवचनों का अध्ययन करने के लिए प्रेरित करता है। व्रत के दौरान व्यक्ति अध्यात्मिक विचारों में संगीत करता है और अपने ज्ञान और विचारों को विकसित करता है।

इन सभी लाभों के अलावा श्रावण सोमवार व्रत विभिन्न संस्कृति और परंपराओं का हिस्सा है। इसे मान्यता के साथ मनाने से व्यक्ति अपनी आध्यात्मिकता को संवारने के साथ-साथ आत्म-विश्वास और नई ऊर्जा प्राप्त करता है।

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