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Chief Minister Oath : मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण को लेकर क्या है नियम

Chief Minister Oath : मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण को लेकर क्या है नियम

Chief Minister Oath: राजस्थान में नई सरकार बन चुकी है और जल्द ही मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण करेंगे लेकिन क्या आप जानते है जब भी कोई नई सरकार बनती है या पद पर कोई काबिज होता है तो तू शपथ क्यों लेता है और हमारे देश के संविधान में शपथ को लेकर क्या लिखा हुआ है आइये जानते है

दर्शन संविधान के अनुच्छेद 75(4),99,124(6),148(2),164(3), और 219 मैं अलग-अलग लोगों के लिए शपथ लेने का जिक्र है एक-एक करके लिए जानते हैं क्या लिखा है इन अनुच्छेदों में

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अनुच्छेद 75 (4) में संघ के मंत्री के लिए पद की शपथ के प्ररूप की बात की गई है

अनुच्छेद 99 कहता है कि संसद कि प्रत्येक सदन का प्रत्येक सदस्य अपना स्थान ग्रहण करने से पहले राष्ट्रपति या उसके द्वारा नियुक्त व्यक्ति के समक्ष तीसरी अनुसूची के इससे प्रयोजन के लिए दिए गए प्रारूप के अनुसार शपथ देगा और उसे पर अपने हस्ताक्षर करेगा

अनुच्छेद 124 (6) के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अपना पद ग्रहण करने से पहले राष्ट्रपति या उसके द्वारा नियुक्ति व्यक्ति की समक्ष शपथ लेंगे

148 (2) के मुताबिक प्रत्येक व्यक्ति जो भारत का नियंत्रक महालेखा परीक्षक नियुक्त किया जाता है वह अपना पद ग्रहण करने से पहले राष्ट्रपति या उसके द्वारा इस निमित्त नियुक्त व्यक्ति के समक्ष तीसरी अनुसूची में इस प्रयोजन के लिए दिए गए प्ररूप के अनुसार शपथ लेगा और उसे पर अपने हस्ताक्षर करेगा

अनुच्छेद 164 (3) कहता है कि किसी मंत्री द्वारा अपना पद ग्रहण करने से पहले राज्यपाल तीसरी अनुसूची में इसे प्रयोजन के लिए दिए गए प्रारूपो के अनुसार उसकी पद की और गोपनेता की शपथ दिलाएंगे

भारतीय सरकार के वेबसाइट के मुताबिक सभी सरकारी सेवकों को संविधान या भारत के प्रति निष्ठा की शपथ निश्चित रूप में लेनी होती है वह शपथ पत्र अंग्रेजी या हिंदी या किसी भी आधिकारिक क्षेत्रीय भाषा में पढ़ सकता है पूर्णकालिक सरकारी कर्मचारी यू विदिशा नागरिक हैं उन्हें भी शपथ लेना आवश्यक है

सरकार की वेबसाइट के मुताबिक शपथ लेने को सरकारी सेवा में व्यक्तियों की नियुक्ति की शर्तों में से एक है शपथ ग्रहण समारोह में चुने हुए प्रतिनिधि शपथ लेते हैं कि वह अपने पद की गरिमा बनाए रखने के लिए प्रतिबंध है और वह सभी परिस्थितियों भी देश की सहप्रभुता और अखंडता को बनाए रखेंगे

भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार, राज्यपाल राज्य मंत्रिपरिषद का गठन करता है। राज्य मंत्रिपरिषद का नेतृत्व मुख्यमंत्री करता है। मुख्यमंत्री का चुनाव राज्य की विधानसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है। मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के लिए उसे राज्यपाल द्वारा शपथ दिलाई जाती है।

मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह राज्यपाल के निवास स्थान या किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर आयोजित किया जाता है। समारोह में राज्यपाल, मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार, अन्य मंत्री, विधायक, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित होते हैं।

मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री को राज्यपाल द्वारा निम्नलिखित शपथ दिलाई जाती है:

“मैं, [मुख्यमंत्री का नाम], भारत गणराज्य के प्रति निष्ठावान रहूँगा और उसके संविधान का पालन करूँगा। मैं भारत की प्रभुता, अखंडता और एकता की रक्षा करूँगा। मैं विधि के अनुसार राज्य का कार्यभार सच्चे मन से निभाऊँगा।”

मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह के बाद वह विधिवत रूप से राज्य का मुख्यमंत्री बन जाता है।

समारोह में राज्यपाल, मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार, अन्य मंत्री, विधायक, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित होते हैं।
मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह के बाद वह विधिवत रूप से राज्य का मुख्यमंत्री बन जाता है।
मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना है। यह घटना राज्य के नए प्रशासन का गठन का प्रतीक है।

शपथ ग्रहण की प्रक्रिया

मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण (Chief Minister Oath) की प्रक्रिया राज्य सरकारों में निर्धारित नियमों और संविधान के अनुसार होती है। यह नियम और प्रक्रियाएं विभिन्न राज्यों के विधानसभाओं द्वारा तय की जाती हैं। लेकिन कुछ सामान्य चरण होते हैं जो मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण के दौरान पालन किए जाते हैं:

  1. नए मुख्यमंत्री की घोषणा: जब नई सरकार बनती है, तो नए मुख्यमंत्री की घोषणा होती है।

2. शपथ ग्रहण की तैयारी: नए मुख्यमंत्री को शपथ ग्रहण के लिए तैयार होना चाहिए।

3 . शपथ ग्रहण समारोह: शपथ ग्रहण समारोह में नए मुख्यमंत्री को राज्य के गवर्नर (राज्यपाल) के सामक्ष शपथ दिलाई जाती है। इसमें मुख्यमंत्री को निर्धारित शपथ पढ़ाने का आदेश दिया जाता है।

4 . शपथ पढ़ना और ग्रहण: मुख्यमंत्री शपथ देने के लिए उन्हें विशेष शपथ पढ़नी पड़ती है, जिसमें वे समाजवादी विचारधारा के साथ राज्य की सेवा करने का प्रण करते हैं। इसके पश्चात्, गवर्नर या उनके प्रतिनिधि के सामक्ष वे शपथ लेते हैं।

5 . शपथ पढ़ाने के बाद कार्यभार संभालना: शपथ ग्रहण के बाद, मुख्यमंत्री अपने पद की जिम्मेदारियों को संभालते हैं और राज्य के विकास और प्रगति के लिए काम करते हैं।

इन नियमों और प्रक्रियाओं को अपनाकर हर राज्य में मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण की प्रक्रिया संपन्न करता है।

शपथ ग्रहण की प्रक्रिया एक समारोहपूर्ण अवसर होता है जिसमें नए मुख्यमंत्री (Chief Minister Oath) को राज्य के नागरिकों के सामक्ष उनका प्रतिबद्धता और कार्यक्षेत्र में निवेश करने का प्रमाण देना होता है। यह एक संकेत होता है कि वह अपनी पदस्थापना पर गर्वित हैं और वे राज्य के विकास और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सामारोह में, नए मुख्यमंत्री को अक्षरशः राज्य के गवर्नर या उनके प्रतिनिधि के सामक्ष शपथ दी जाती है। शपथ पढ़ाने के बाद, मुख्यमंत्री आमतौर पर समाजवादी दृष्टिकोण और राज्य के सर्वोत्तम हित में काम करने का आश्वासन देते हैं।

यह प्रक्रिया राज्य संविधान और नियमों के अनुसार होती है और इसमें विभिन्न प्रतिबंध और नियमों का पालन करना होता है। इसके साथ ही, यह एक ऐसा समय भी होता है जब राज्य के लोग अपने नए नेता को स्वागत करते हैं और उन्हें आशीर्वाद देते हैं ताकि वह राज्य के विकास में योगदान कर सकें

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